जमीन रजिस्ट्री करवाने के नियम 2023

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Jameen registry ke niyam 2023: दोस्तों आज के आर्टिकल पर जानेंगे जमीन रजिस्ट्री करवाने के नियम एवं खर्चे के बारे में जानकारी पाएंगे कोई जब भी नया मकान एवं जमीन खरीद है उसकी रजिस्ट्री करवाने हेतु पैसा कितना लगता है रजिस्ट्री करवाने हेतु नए नियम खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इन सभी के बारे में जानकारी पाएंगे।

Jamin registry kya hai – जमीन रजिस्ट्री क्या है?

जमीन रजिस्ट्री के नियम जानने से पहले हम आपको बता दें कि जमीन रजिस्ट्री क्या है और यह प्रक्रिया क्या होती है और जब भी कोई व्यक्ति जमीन खरीदता है और रजिस्ट्रेशन कराने पर आपको तमाम ऐसे नियमों को पालन करना होता है और जमीन रजिस्ट्री के 2023 के नियमों के बारे में जानेंगे।

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जमीन रजिस्ट्री के नियम

आर्टिकल का नाम जमीन रजिस्ट्री करवाने के नए नियम
विभाग तहसील द्वारा
उद्देश्य धोखा धड़ी से बचा जा सके
रजिस्ट्री की प्रक्रिया वकील और लेनदार तथा बेचनार दोनों का होना जरुरी
आधिकारिक वेबसाइट ——

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jamin registry ke niyam – जमीन रजिस्ट्री करवाने के नए नियम

दोस्तों जमीन रजिस्ट्री करवाने के नियम बहुत सारे हैं हालांकि आपको यह नियमों को आपको पालन करना चाहिए और जमीन रजिस्ट्री करवाने समय कई ऐसी बातें हैं जिनको आप को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्री करवानी चाहिए ताकि आपको किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े –

  • jameen registry करवाने से पहले मुख्य बात तो यह है कि जमीन खरीददार एवं बेचने वाले के सभी दस्तावेजों को ध्यान से देखें।
  • जमीन को बेचने वाले व्यक्ति या खरीदने वाले व्यक्ति दोनों की फोटो ऑनलाइन अपलोड करनी होती है तथा यही काम तहसील पर जाकर किया जाता है तभी आपका रजिस्ट्री करवाने का काम प्रारंभ होता है।
  • और आप जिस भी जमीन को खरीद रहे हैं अथवा बेच रहे हैं उसका नक्शा होना आवश्यक है।
  • जो भी आपको जमीन बेच रहा है उसके अंगूठे के निशान ले लेना चाहिए।
  • बेचने वाले की सभी दस्तावेज सही है इसकी पुष्टि जरूर करें। जमीन रजिस्ट्री के नए नियम 2023 में पावर ऑफ अटॉर्नी के साथ आवासीय प्रमाण पत्र के साथ में लाना जरूरी है इसके पश्चात आप जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया जारी एवं प्रारंभ नहीं कर सकते।

jameen registry ke Fayde – जमीन रजिस्ट्री के फायदे

जमीन रजिस्ट्री करवाने से फायदा यह होता है कि कानूनी तौर पर आप की जमीन हो जाती है और आपको भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती है और यदि जमीन नहीं करवाते हैं कोई कब्जा करता है कभी पता निकल जाते हैं होती है इसलिए जमीन रजिस्ट्री करवाने का मुख्य फायदा है कि आप की जमीन सुरक्षित हो जाती है और इससे जमीन के असली मालिक का पता चलता है इससे तय हो जाता है कि जमीन का मालिक कौन है।

jameen registry करवाने की आवश्यक दस्तावेज

जमीन रजिस्ट्री करवाने के नए नियम के अनुसार रजिस्ट्री करवाने के लिए आपको यह दस्तावेज होने के लिए बहुत ही जरूरत है जैसे कि आधार कार्ड पहचान पत्र बैनामा प्रॉपर्टी के पेपर टैक्स से सभी जुड़े जानकारी और आप अटानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यह सभी दस्तावेज मुख्य हैं यह पास में होना बहुत ही आवश्यक है।

जमीन रजिस्ट्री करवाने के नुकसान

सबसे बड़े नुकसान की बात करें तो जमीन रजिस्ट्री करवाने का भुगतान और सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह बेचने वाला व्यक्ति यदि समय के अनुसार बदल जाए तो और दावा करते कि यह जमीन हमने कभी बिजी ही नहीं तो आप सबूत भी नहीं दे पाएंगे और तमाम ऐसे झंझट ऊपर पड़ जाएंगे और आपको जमीन उसको देने की पड़ेगी |

इससे आपका पैसा समय सभी का नुकसान हो जाएगा इसलिए ध्यान रहे जमीन रजिस्ट्री नहीं होने के कारण पर आप बहुत ही मुसीबत पर पढ़ सकते हैं इसलिए जमीन रजिस्ट्री करवाना बहुत ही अनिवार्य होता है और सभी को जमीन रजिस्ट्री लेते समय इन सभी बातों को ध्यान में रखना चाहिए |

और jameen registry करवा लेना चाहिए जब भी आप कोई नई जमीन लेते हैं तो मैं आशा करता हूं आपको बात समझ में आ गई होगी और अच्छा लगा होगा तो कमेंट में जरूर बताएं और jameen registry ke niyam के बारे में और आपको जानकारी पता है तो दूसरों तक जरूर।

FAQs: जमींन की रजिस्ट्री के नए नियम (प्रश्नोत्तर)
जमीन को अपने नाम कैसे करें?

जमीन को अपने नाम करने के लिए उस जमीन की रजिस्ट्री करनी होगी तभी आप रजिस्ट्री करा सकते है। उस जमींन का बंटवारा करके उस जमीन को अपने नाम भी किया जा सकता है।

jameen registry कैसे होती है?

जमीन की रजिस्ट्री खरीददार और बेचनार दोनों की सहमति से रजिस्ट्री होती है। इसमें दोनों पक्ष मिलकर रजिस्ट्री पेपर तैयार करवाते है। फिर आवश्यक रजिस्ट्री शुल्क जो भी लगता है आपस में बैठकर पैसा का भुगतान करता है | तहसील में जाकर प्रक्रिया को वकील पूरा करवाता है |

रजिस्ट्री के बाद क्या होता है?

रजिस्ट्री के बाद और इसके बाद भी आप सरकारी रिकॉर्ड में जमीन का मालिक नहीं बन सकते है और दाखिल ख़ारिज के बाद ही रिकॉर्ड में नए जमीन मालिक का नाम चढ़ाया जाता है उसके पश्चात जमींन के मालिक का नाम आता है।

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